Home » Shop » Alankar by Munshi Premchand || मुंशी प्रेमचंद लिखित उपन्यास अलंकार
Petni Samagra || || পেত্নি সমগ্র || | Original price was: ₹499.00.Current price is: ₹375.00.
Back to products

Alankar by Munshi Premchand || मुंशी प्रेमचंद लिखित उपन्यास अलंकार

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹180.00.

अलंकार – उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का सम्पूर्ण उपन्यास
उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की यह अमर कृति अध्यात्म, धर्म और नैतिकता जैसे विषयों पर गहरी छाप छोड़ती है। नील नदी के किनारे बसे एक ऐसे संसार की यह कहानी है, जहां तपस्वी एकांत में झोंपड़ियों में रहते थे। ये तपस्वी साधना में लीन रहते, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर एक-दूसरे की सहायता भी करते। इन झोंपड़ियों के बीच बने गिरजाघरों पर सलीब का निशान होता, जो धर्मोत्सवों के समय दूर-दूर से संतों और भक्तों को आकर्षित करता। नदी के किनारे बने मठों में साधु अपनी साधना के लिए छोटी-छोटी गुफाओं में एकांतवास करते थे।

मुंशी प्रेमचंद की लेखनी से निकली इस कालजयी रचना को पढ़ें और उनके गहन चिंतन व मानवीय संवेदनाओं को महसूस करें। उनकी कहानियां आज भी पाठकों को प्रेरित करती हैं।

33 People watching this product now!
Description

80 GSM || Paperback || Premium Quality

Alankar: Munshi Premchand’s Complete Novel

The renowned novelist Munshi Premchand explores spirituality, religion, and morality in this timeless tale. The story, which is set near the banks of the Nile, vividly depicts a world in which ascetics lived alone in tents strewn along the riverbanks. Even though they were deeply engrossed in their spiritual activities, these sages frequently helped one another out when necessary. Among these modest homes were churches bearing the cross, which at festivals drew pilgrims and saints from distant places. Monasteries were also found along the riverbanks, where hermits sought enlightenment in the seclusion of tiny caverns.

अलंकार – उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का सम्पूर्ण उपन्यास
उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की यह अमर कृति अध्यात्म, धर्म और नैतिकता जैसे विषयों पर गहरी छाप छोड़ती है। नील नदी के किनारे बसे एक ऐसे संसार की यह कहानी है, जहां तपस्वी एकांत में झोंपड़ियों में रहते थे। ये तपस्वी साधना में लीन रहते, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर एक-दूसरे की सहायता भी करते। इन झोंपड़ियों के बीच बने गिरजाघरों पर सलीब का निशान होता, जो धर्मोत्सवों के समय दूर-दूर से संतों और भक्तों को आकर्षित करता। नदी के किनारे बने मठों में साधु अपनी साधना के लिए छोटी-छोटी गुफाओं में एकांतवास करते थे।

मुंशी प्रेमचंद की लेखनी से निकली इस कालजयी रचना को पढ़ें और उनके गहन चिंतन व मानवीय संवेदनाओं को महसूस करें। उनकी कहानियां आज भी पाठकों को प्रेरित करती हैं।

Shipping & Delivery

Welcome to MatriBhasa

We are the premier online destination for Bengali books, offering the largest selection at the highest discounts.

To ensure that our books reach you in perfect condition, we ship them using India Post, renowned for its reliability and extensive reach.

  • Every package is carefully and meticulously wrapped, providing an added layer of protection during transit.
  • Whether you're located in a bustling city or a remote village, rest assured that we deliver worldwide with precision and care.
  • Our commitment to excellence means that no matter where you are, your books will arrive safely and in pristine condition, ready to be enjoyed.
0 reviews
0
0
0
0
0

There are no reviews yet.

Be the first to review “Alankar by Munshi Premchand || मुंशी प्रेमचंद लिखित उपन्यास अलंकार”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Good quality.The product is firmly packed.Good service.Very well worth the money.Very fast delivery.

You have to be logged in to be able to add photos to your review.